श्रीनगर । कश्मीर घाटी के 20 वर्षीय फुटबॉलर माजिद इरशाद जो कुछ ही दिनों पहले आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा था, उसने शुक्रवार को सुरक्षाबलों के सामने सरेंडर कर दिया। लश्कर से जुडऩे के माजिद फैसले ने उसके परिवारवालों से लेकर रिश्तेदार और करीबी दोस्तों को काफी हैरान कर दिया था। बताया जा रहा है कि माजिद के सरेंडर में उसकी मां ने अहम रोल अदा किया है। माजिद की मां ने उससे वापस लौट आने की अपील की थी।
ग्रेजुएशन कर रहा माजिद
माजिद अनंतनाग के सरकारी डिग्री कॉलेज से ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रहा है। वह सादिकाबाद इलाके का रहने वाला है और उसका दोस्त यावर नासिर पहले ही जुलाई में हिजबुल मुजाहिद्दीन के साथ जुड़ चुका है। संगठन में शामिल होने के सिर्फ 15 दिनों के अंदर तीन अगस्त को नासिर एक एनकाउंटर में मारा गया था। माजिद की सोशल मीडिया पर एक फोटो पिछले दिनों वायरल हो गई थी जिसमें उसे एके-47 पकड़े देखा जा सकता है। इस फोटो के बाद ही सबको पता चल सका कि अब माजिद फुटबॉलर नहीं बल्कि लश्कर-ए-तैयबा का सदस्य बन गया है।
समाजसेवी संस्था से जुड़ा था माजिद
लश्कर से जुडऩे से पहले माजिद एक समाजसेवी संस्था के साथ काम करता था। समाज कल्याण से जुड़े कामों को करने वाली इस संस्था में माजिद बतौर कार्यकर्ता जुड़ा था और वह इमर्जेंसी हेड था। अनंतनाग के एसएसपी अल्ताफ अहमद खान ने बताया कि माजिद अपने हमउम्र साथियों से प्रभावित हो गया। उसके कुछ साथी कुछ समय पहले ही आतंकी संगठनों से जुड़े हैं। खान की मानें तो पुलिस के लिए युवाओं का कट्टरपंथी ताकतों के प्रति झुकाव और आतंकी संगठन में शामिल होना चिंता का विषय है। अपने फेसबुक पर माजिद ने लिखा, ‘सितारों की तरफ क्यों देखना जब एक ज्यादा बड़ा सितारा यहां है माजिद के एक रिश्तेदार ने कहा, ‘वह बहुत प्रतिभाशाली बच्चा है। हम बस यही दुआ करते हैं कि एक रोज वह सुरक्षित वापस लौट आएगा।